The Ultimate Guide To baglamukhi shabar mantra



क्या भगवती बगलामुखी के सहज, सरल शाबर मत्रं साधना भी हैं तो कृपया विघान सहित बताएं।

Trying to get the divine intervention with the goddess can provide safety and aid in the course of lawful battles and assist in acquiring a favorable verdict.

When the initiation rites are done because of the Guru, that elusive animal deal with is completely broken plus the disciple is conscious of the inherent divine electricity.

Mastery within a undertaking can only be attained via a guru. Mastery means efficiency. Just like somebody desires to construct an idol, then he will do the do the job of that idol that is proficient On this artwork plus the learners want to discover the ability of idol from him.

ॐ बगलामुखी महाक्रूरी शत्रू की जिह्वा को पकड़कर मुदगर से प्रहार कर , अंग प्रत्यंग स्तम्भ कर घर बाघं व्यापार बांध तिराहा बांध चौराहा बांध चार खूँट मरघट के बांध जादू टोना टोटका बांध दुष्ट दुष्ट्रनी कि बिध्या बांध छल कपट प्रपंचों को बांध सत्य नाम आदेश गुरू का।

मुहुर्त: प्रात:काल या संध्याकाल का समय सबसे उपयुक्त होता है।

इस मंत्र का जाप माता बगला के सामान्य नियमो का पालन करते हुए १ माला प्रतिदिन करें ११ दिनों तक और दशान्श हवन करें और नित्य १ माला जाप करते रहें मंत्र जागृत हो जाएगा । किसी भी प्रयोग को करने के लिए संकल्प लें (इछित गिनती का कम से कम ३ माला) और हवन कर दें प्रयोग सिद्ध होगा । रक्षा के लिए ७ बार मंत्र पढ़ के छाती पे और दसो दीशाओ मैं फुक मार दें , किसी भी चीज़ का भये नहीं रहेगा ।

अब उसके पैरों पर जल धीरे-धीरे डालते हुए मन में भावना करे मैं माँ के पैरों को अच्छे से साफ कर रहा हूँ फिर उसे तौलिए से पोछ कर, नई चप्पल पहनाए तथा पीला भोग अपने हाथ से खिलाए व उसे ध्यान से देखे कभी-कभी कन्या का पैर या चेहरा पीले रंग में दिखने लगता है। भोग लगाने के बाद उसे कुछ देर बैठा रहने दें व स्वयं मन ही मन प्रार्थना करें

The strength of the Goddess is termed Sthambhan Shakti, through which she would make the enemies erect. She fulfills the wishes of her devotees by safeguarding them from conspiracies and enemies.

साधना अष्टमी को एक दीपक में सरसों के तेल या मीठे तेल के साथ श्मशान में छोड़े हुए वस्त्र की बत्ती बनाकर जलाएं। विशेष दीपक को उड़द की दाल के ऊपर रखें। फिर पीला वस्त्र पहनकर और पीला तिलक लगा कर हल्दी से उसकी पूजा करें। पीले पुष्प चढ़ाएं और दीपक की लौ में भगवती का ध्यान कर बगलामुखी के मंत्र का एक हजार बार तीनों शाबर मत्रं से किसी भी एक का जप करें।तथा मद्य और मांस का भोग लगाएं।

शाबर मंत्र पे यह कहा गया है की १००० website जाप पे सिद्धि , ५००० जाप पे उत्तम सिद्धि और १०००० जाप पे महासिद्धि ।

ऊँ नमः शिवाय शंभो, शाबर मंत्र सिद्धि लायो, शिव सदा सहायो, दुख दर्द मिटायो, ॐ नमः शिवाय॥

महादेव और पार्वती ने ही मनुष्यों के दुख निवारण हेतु शाबर मंत्रों की रचना की। शाबर ऋषि व नव नाथों ने भी कलियुग में मनुष्यों के दुखों को देखते हुए की व सहज संस्कृत ना पढ़ पाने के कारण भी है, आँख की पीड़ा-अखयाई ,कांख की पीड़ा -कखयाइ, पीलिया, नेहरूआ, ढोहरूआ, आधासीसी ,नज़र भूत प्रेत बाधा से मुक्ती हेतु ही की थी जिससे उपचार में विशेष सहायता प्राप्त हुई और रोगी का ततछण आराम मिल जाता है। आज भी झाड़ा लगवाने कुछेक असाध्य रोगों के विशेष प्रभाव शाली है,

आहार: धूम्रपान, पान, और मासाहार से परहेज करें।

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